परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 219 विद्या सिन्धु अहो । इक तुम्हीं निराकुल हो ।। इक तुम्हीं नेक-दिल हो । विद्या सिन्धु अहो ।। स्थापना।। विद्या सिन्धु अहो ! इक तुम्हीं सुधा रस हो ।। […]
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 219 विद्या सिन्धु अहो । इक तुम्हीं निराकुल हो ।। इक तुम्हीं नेक-दिल हो । विद्या सिन्धु अहो ।। स्थापना।। विद्या सिन्धु अहो ! इक तुम्हीं सुधा रस हो ।। […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 218 नहिं और निराकुल इनसा । यहिं इक पूरण ऽखिल मंशा ।। गुरु ज्ञान कलाकृति न्यारी । स्वीकारो ढ़ोक हमारी ।। स्थापना ।। हैं नीले-नीले नयना । मीठे-मीठे से वयना […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 217 सुनते दुख हर लेते ।झोली सुख भर देते ।।हूँ दुख घाम सताया ।भेंटो छत्रच्छाया ।। स्थापना ।। लाया हूँ जल पावन ।पाने जल सा दामन ।।हूँ छल घाम सताया ।भेंटो […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 216 तुम सुन लेते सबकी । नैय्या खेते सबकी ।। मैं भी मँझधार पड़ा । कर दो उस पार खड़ा ।। स्थापना ।। कलि गोपाला गैय्या । नौ बेजुवाँ खिवैय्या […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 215 सुन पीड़ा लो ।ले बीड़ा लो |।कल्याण का ।मेरे भगवान् आ ।। स्थापना ।। उजला सा जल ।धुंधला सा कल ।।कीजे करुणा ।दीजे शरणा ।। जलं ।। शीतल चन्दन ।भीतर […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 214 सुना, सुना करते दुख हो । सुनते ही हरते दुख को ।। है दुख मेरा भी कम ना । अजि कृपया कीजो करुणा ।। स्थापना।। थी रोती गो हा […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 213 नफरत नहीं किसी से,मतलब तुम्हें सभी से ।ओ नूरे आसमानी ।दो सँवार जिन्दगानी ।। स्थापना ।। ज्यों घर अमीर बढ़िया ।त्यों ही तुम्हें झुपड़िया ।।ओ नूरे आसमानी ।दो सँवार जिन्दगानी […]
पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 212 ‘रे मगन निराकुलता में ।माहनन पताका थामे ।।गुरु कुन्द-कुन्द सारीखे ।हैं किसके नहीं सभी के ।। स्थापना ।। सिंह सी चर्या पाले हैं ।इक निस्पृह रख-वाले हैं ।।गुरु मानतुङ्ग सारीखे ।स्वीकारो […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 211 नाराज किसी को कभी न करते हैं ।जो राज सभी के दिल पे करते हैं |।श्री सन्त शिरोमणी वे छोटे बाबा ।दें लगा किनारे, भौ-जल बिच नावा ।। स्थापना।। मुस्कान […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचितपूजन क्रंमाक 210 निराकुल और न्यारे ।बच्चे जिनको प्यारे ।।रब से छोटे बाबा ।सब के तारण-हारे ।। स्थापना ।। बच्चे जब भी आते ।मुस्काँ नुख्सा पाते ।।जल ले आये, गुरु जी ! ।झूमते […]
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