परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 269 *हाईकू* माटी मैं, गुरु जी ! जोड़ हाथ खड़ा, बनने घड़ा ।।स्थापना ।। भेंटते नीर, कृपाल-वैद्य-बाल ! मेंट दें पीर ।।जलं।। भेंटते गन्ध, दयाल प्रति पाल ! मेंट दें […]
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 269 *हाईकू* माटी मैं, गुरु जी ! जोड़ हाथ खड़ा, बनने घड़ा ।।स्थापना ।। भेंटते नीर, कृपाल-वैद्य-बाल ! मेंट दें पीर ।।जलं।। भेंटते गन्ध, दयाल प्रति पाल ! मेंट दें […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 268 *हाईकू* विनती मेरी, ओ ! कीजो, अपनों में, गिनती मेरी ।।स्थापना।। भेंटूँ उदक, ओ ! दिखा दो, अपनी एक झलक ।।जलं।। भेंटूँ चन्दन, ओ ! हटक दो, पड़ा पीछे […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 267 ==हाईकू== बेजुबाँ जवाँ, ‘जाँ’ हिन्दी जुबाँ गुरु जी नमो नमः ।।स्थापना ।। भेंटूँ उदक, हूबहू आप जैसी, पाने बनक ।।जलं।। भेंटूँ चन्दन, हूबहू आप जैसा, जीतने मन ।।चन्दनं।। भेंटूँ […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 266 *हाईकू* हमारा बड़ा पुन, जो आपने ली हमारी सुन ।।स्थापना ।। सो…ना पा गया पानी महक, भेेंटूँ मैं भी उदक ।।जलं।। भेेंटूँ चन्दन, पाई चन्दन वीर अभिनन्दन ।।चन्दनं।। पाई […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 265 *हाईकू* बर्खा करीबा ‘नुति शाने हिन्दुस्तँ’ चर्खा संजीवा ।।स्थापना।। चढ़ाऊँ जल, चन्दन समाँ, पाने ‘भी’तर क्षमा ।।जलं।। भेंटूँ चन्दन, चन्दन समाँ, पाने तुम्हें आँगना ।।चन्दनं।। चढ़ाऊँ शालि-धाँ, चन्दन समाँ, […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 264 “हाईकू”जगत् साथिया‘नुति शाने हिन्दुस्ताँ’‘जगत-दिया’ ।।स्थापना।। तुमने जीती गहल,सो अर्पित करूँ दृग् जल ।।जलं।। तुमने जीता मन,सो समर्पित करूँ चन्दन ।।चन्दनं।। तुमने जीता मद,सो समर्पित करूँ अक्षत ।।अक्षतं।। तुमने जीता […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 263 “हाईकू”‘बेजुबां दिल‘नुति शाने हिन्दुस्ताँ’जुवां मंजिल’ ।।स्थापना ।। ली स्वीकार, जो जल झारी,पतंग उड़ी हमारी ।।जलं।। ली स्वीकार, जो चन्दन झारी,धूल-चन्दन म्हारी ।।चन्दनं।। ली स्वीकार, जो अक्षत थाली,मोती धान हमारी […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 262 हाईकू ‘गैय्या गोपाला ‘नुति शाने-हिन्दुस्ताँ’ छैय्या गौशाला ।।स्थापना ।। बनने आप-मन-से आये, जल-निर्मल लाये ।।जलं।। खोने आप-सा मिथ्यात्व आये, घिस चन्दन लाये ।।चन्दनं।। गोने आप-सा स्वानुभौ आये, सित अक्षत […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 261 ==हाईकू== ख्यात विरद, मेंटते आप हाथों-हाथ दरद ।। स्थापना ।। लाये उदक, पाने आपकी, सिर्फ एक झलक ।। जलं।। लाये चन्दन, करने आप-सा, ‘भी’ अभिनन्दन ।। चन्दनं।। लाये धाँ […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 260 ‘हाईकू’ कीजो करुणा, ओ ! तारण तरणा दीजो शरणा ।।स्थापना।। न मिला घट-जल, आ गया मैं, लो नैन सजल ।।जलं।। न मिला रस-मलय, आ गया मैं, ले के विनय […]
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