परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 279 **हाईकू** अपना लो ‘कि सुन आया तुम्हें न कोई पराया ।।स्थापना।। तुमने मुझे जो दे दिया समय, भींगे दृग्-द्वय ।।जलं।। तुमने मुझे जो दे दी शरण, मैं भेंटूँ चन्दन […]
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 279 **हाईकू** अपना लो ‘कि सुन आया तुम्हें न कोई पराया ।।स्थापना।। तुमने मुझे जो दे दिया समय, भींगे दृग्-द्वय ।।जलं।। तुमने मुझे जो दे दी शरण, मैं भेंटूँ चन्दन […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 278 ==हाईकू== सुनते, आप सुनते दुखड़ा, सो सम्मुख खड़ा ।।स्थापना।। भेंट ले आये, ‘जल-घट’ विघटा दीजे संकट ।।जलं।। भेंट ले आये, ‘गन्ध-घट’ विघटा दीजे कण्टक ।।चन्दनं।। भेंट ले आये, ‘शाली […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 277 **हाईकू** मुझ मीरा के श्याम ! ‘लो अपना’ दे अपना नाम ।।स्थापना।। लाया, उदक चढ़ाया, मैंने कुछ अपूर्व पाया ।।जलं।। लाया, चन्दन चढ़ाया, मैंने सुख-अपूर्व पाया ।।चन्दनं।। लाया, थाल […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 276 ==हाईकू== सुना, गुरु जी, सुना करते सभी की, दुखी मैं भी ।। स्थापना।। पाऊँ अखीर, ‘सु-मरण’ चढ़ाऊँ नीर भगवन् ।। जलं।। पाऊँ शरण, चढ़ाऊँ चन्दन, न गवाऊँ क्षण ।। […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 275 हाईकू थाम लो, ‘हाथ’ कर बात-बात में शिव ग्राम दो ।।स्थापना।। स्वीकारो, जल-दृग् लाया, न छू सके , ‘कि काला साया ।।जलं।। स्वीकारो, गन्ध ले आया, सर, कर दो […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 274 *हाईकू*रह पाऊँगा,न आपके बिनदे दीजे शरण ।।स्थापना ।। जल चढ़ाते चरण ।मेंटो जन्म, जरा मरण ।।जलं।। गन्ध चढ़ाते चरण ।लगा हाथ दो सुमरण ।। चन्दनं।। सु-धाँ चढ़ाते चरण ।अलबिदा […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 273 ==हाईकू==‘रहे मेरा यूँ ही,तेरा आशीर्वादसिर्फ मुराद’।।स्थापना ।। अरज सुन, जो दिया गंधोदक भेंटूँ उदक ।।जलं।। भेंटूँ चन्दन मैं, अरज सुनना जो आया तुम्हें ।।चन्दनं।। अरज सुन ली, तुमनें जो […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 272 *हाईकू*पाँव-छाँव मेंजगह दीजे,‘गुरु जी’ दया कीजे ।।स्थापना ।। तुमने रख ली जो लाज हमार,भेंटूँ दृग् धार ।।जलं।। तुमने रक्खी जो लाज मोर,भेंटूँ गंध बेजोड़ ।।चन्दनं।। ओ ! रख ली […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 271 *हाईकू* श्रद्धा सवाली, लौटाये ‘गुरु-द्वार’ न हाथ खाली ।।स्थापना।। जल भेंटते चरणन, भेंट दें हमें शरण ।।जलं।। गन्ध भेंटते चरण में, भेंट दें शरण हमें ।।चन्दनं।। भेंटते शाली धान […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 270 ==हाईकू== कलि अंधेरा घोर, गुरु ‘के-बल’ सबेरा भोर ।।स्थापना ।। छू उदक, दो थमा आसमाँ, गुरु जी नमो नमः ।।जलं।। छू चन्दन, दो थमा अरमाँ, गुरु जी नमो नमः […]
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