परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 990 बन के लहू मेरी रगों में बहते होसिर्फ एक तुममेरे मन में रहते होहै फक्र मुझे इस बात का ‘के गली गली जिक्र इस बात काबन के लहू मेरी […]
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 990 बन के लहू मेरी रगों में बहते होसिर्फ एक तुममेरे मन में रहते होहै फक्र मुझे इस बात का ‘के गली गली जिक्र इस बात काबन के लहू मेरी […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 989 मेरा मन विराजे तुम चरण में तुम चरण विराजें मेरे मन में उम्र भर जन्म हर और न बस, इतना कर दो मेरे गुरुवर ‘के तुम चरण विराजें मेरे […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 988 भाग्य विधाता है तू किमिच्छ दाता है और मेरा माँगने से नाता है तू मेरा भाग्य विधाता है ।।स्थापना।। मेरे पास और ज्यादा तो कुछ नहीं बस ये दृग्-जल […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 987 कहीं और न जाऊँगा लेकर के मैं अपना रोना और जाऊँ भी हो कहाँ तुम अकेले ही जो मेरे हो ना कृपा बरसा भी दो ना ।।स्थापना।। था आया […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 986 तुम कृपा बरसाते पुकारा आ जाते कब लगाते देरी आँख नमतर तेरी ।।स्थापना।। भेंटते जल गगरी दया तेरी विरली तुम कृपा बरसाते पुकारा आ जाते कब लगाते देरी आँख […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 985 दया निधान तुम कृपा निधान तुम अपने समान तुम सबसे महान तुम जयतु जय जय गुरुवरम् जयतु जय जय गुरुवरम् ।।स्थापना।। भिंटाऊँ जल गगरी आश पूरो हमरी अपना लो […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 984 होना मुझसे दूर पलक ना अपने आस-पास ही रखना मैं सार्थ नाम ‘गुल’ हूँ हो तुम मेरी खुशबू मेरे आस-पास ही दिखना होना मुझसे दूर पलक ना मुझे अपने […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 983 सिर्फ और सिर्फ हूँ तेरा मैं है इसका गर्व हमें है इसका गर्व हमें है इसका गर्व हमें सिर्फ और सिर्फ हूँ तेरा मैं ।।स्थापना।। मैं चढ़ाऊँ जल निर्मल, […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 982 गुरु शिष्य का रिश्ता कभी न रिसता दिन दिन होता जाता गहरा, और गहरा और गहरा कभी न रिसता, गुरु शिष्य का रिश्ता ।।स्थापना।। रिश्ता गहरा और बनाएँ रोज […]
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित पूजन क्रंमाक 981 साहुनी-फुहार बरसे द्वार-द्वार झूम उठे दिश्-चार वासन्ती-बहार गुरु किरपा अगम अपार जयजयकार, जयजयकार ।।स्थापना।। छव विरली जल गगरी ले आया गुरु द्वार जय जयकार, जय जयकार साहुनी-फुहार बरसे द्वार-द्वार […]
© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point
© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point