सवाल
आचार्य भगवन् !
नदी बेसुध होकर
खारे सागर से मिलने बेकरार क्यों रहती है
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
स… मन्दर
कोई सत्य-शिव-सुन्दर
तो समन्दर
जो बिना अन्तर
अपना अन्तर्
लौटी नहीं,
‘कि लौटा-लौटा लहर
करता रहता साफ
तभी
छोड़-छाड़ काम सभी
दौड़ भाग बिन बुलाई
आई आप-आप
‘न…दिया’
तले न अन्धेरा
वह ज्ञान गंगा
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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