loader image
Close
  • Home
  • About
  • Contact
  • Home
  • About
  • Contact
Facebook Instagram

जवाब लाजवाब आचार्य श्री जी

जवाब लाजवाब -379

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 

सवाल
आचार्य भगवन् !
मन दूसरों की लकीर मिटा करके
लकी बनना चाहता है
और लकीर में है भी लकी शब्द
रबर का ‘र’ भी
मिटाने के लिये ही पूर्वजों ने रक्खा होगा
ऐसा हवाला भी देता है
कैसे समझाऊँ
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,

जवाब…
लाजवाब
देखिए,
लकीर में लकी बनने के लिए,
‘र’ रबर का नहीं है
रहम का ‘र’ है
दूसरा ‘र’ न चुन लिया जाये
इसलिये नामकरण ही ऐसा
बड़ी समझदारी से किया गया है
के ‘र’ सिर्फ और सिर्फ हम है
और हम महर जो चाहते
सो,
म…ह…र
अक्षर पलटते ही जादू होता
शब्द लेता जनम
रहम
हाँ.. हाँ रहम लो अपना
अपना ‘लक’ लो बना

रबर आहिस्ता-आहिस्ता
रब को प्यारी हो जाती है
वह लगे खींचने मेंं
‘लकीर’
और हम बेवजह लगे खरोंचने में
झट-पट
देख खटपट
अभिलेख फट जाती पाती है

हाईकू
बने बढ़ाओ
‘आप लकीर’
औरों की न मिटाओ
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः

Sharing is caring!

  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn
  • Email
  • Print

Leave A Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

*


© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point

© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point