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जवाब लाजवाब आचार्य श्री जी

जवाब लाजवाब -371

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 


सवाल
आचार्य भगवन् !
आप ऐसा क्यों कहा करते हैं
‘कि कोई निंदक मेरे साथ हमेशा रहा आये
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,

जवाब…
लाजवाब
आँखों को गढ़ा कर भी देखने से,
आँखों का गीड़ रह ही जाता है दिखने से,
भौ तीर
भो वीर !
कोई आईना दिखाने वाला मिल जाये
थोड़ा बहुत नहीं, घनेरा
रह ही जाता है, दीया तले अंधेरा
दृग् नीर
दृश् चीर
भौ तीर
भो वीर !
कहीं से, सही, जल-रेखा-सी ही
बिजली झिल-मिला जाये
कोई आईना दिखाने वाला मिल जाये
थोड़ी-बहुत कालिख
या मालिक !
तिल के बहाने
चेहरे पर अधिकार लगती जमाने
कहीं से, सही, मकड़-रेखा सी ही
जल-धार लग जाये
कोई आईना दिखाने वाला मिल जाये

जमीं पे पंख के बल पड़ा,
लाजमी है, न हो पाता अपने बल खड़ा
बिजली का कीड़ा
ए चन्दन वीरा !
कोई अंगुली करने वाला मिल जाये
कोई आईना दिखाने वाला मिल जाये
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः

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