loader image
Close
  • Home
  • About
  • Contact
  • Home
  • About
  • Contact
Facebook Instagram

जवाब लाजवाब आचार्य श्री जी

जवाब लाजवाब -188

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 

सवाल
आचार्य भगवन् !
दुनिया न सिर्फ कहती है,
बल्कि यही करती भी है
‘के जैसे को तैसा,
यानि ‘कि जो नफरत करें,
उसके साथ नफरत
से पेश आना है
और स्नेह करने वाले को नेह लुटाना है
पर आप के प्रवचनों में सुना है,
नफरत करने वाले से भी प्रेम करो,
उसके काम के बन जाओ
नफरत प्रेम में बदल जायेगी
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,

जवाब…
लाजवाब
सुनिये,
मैं ही कहा कह रहा हूँ
कहता है स्वयं ही
शब्द… नफरत
कोई करने लगे
तो फरने लगना
तुरत-फुरत,
परिन्दे भी, सिर्फ नाम का ‘विरख’
सिर्फ नाम के लिये लेते निरख
और होते रुखसत
यानि ‘कि लेते वो रुख…सत् जो
शिव औ’
सुन्दर हो
चूँकि
नफरत
न…फरत जे
उन हिस्से
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः

Sharing is caring!

  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn
  • Email
  • Print

Leave A Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

*


© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point

© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point