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जवाब लाजवाब आचार्य श्री जी

जवाब लाजवाब -184

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 

सवाल
आचार्य भगवन् !
क्या धर्म के ठेकेदार
सिर्फ पैसे वाले,
काले अक्षर पढ़ लेने वाले
दिमाग से छलांगें भर लेने वाले ही हैं
या सीधे-सादे लोगों के लिए भी कोई स्थान है.
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,

जवाब…
लाजवाब
जैनेतर गो…तम जैन ‘इतर’
पहली छोड़ मछली धी…वर
‘सच धर्म बपौती नहीं किसी की’
अंजन चोर निरंजन देखा
वीर द्वार-चन्दन अभिलेखा
‘सच धर्म बपौती नहीं किसी की’
लोट-पोट बुढ़िया-लुटिया
देखें लौट-लौट राम शबरी कुटिया
‘सच धर्म बपौती नहीं किसी की’

आपने गाड़ियों पर लिक्खा देखा होगा
‘भोला शिव’
शिव यानी… मोक्ष रजधानी
उसके योग्य कोई तो सिर्फ
सिर्फ और सिर्फ
भोला-भाला प्राणी
जो
रहा गिन भगवत् विरहा छिन
दोनों हाथों के पंजे उठा,
अंगुलिंयां बिठा,
गिन रहा
हा ! हहा ! एक दो…
दीख पड़े अंगुलिंयां देख नौ
न’कि पोरों पर,
एक दो नेक यानि दीख पड़े.
अंगुली सिर्फ एक
हटके सच हटके कुछ
अहिंसा अभिलेख
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः

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