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आचार्य श्री पूजन

गुरु-पाद पूजन – 956

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 
  • परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित

पूजन क्रंमाक 956

सीप ज्ञान सागर
विद्या सागर मोती
श्री गुरु कृपा थोड़ी भी
थोड़े से थोड़ी भी
श्री गुरु कृपा कम नहीं होती
विद्या सागर मोती
सीप ज्ञान सागर
विद्या सागर मोती ।।स्थापना।।

आओ लाओ जल गागर
भिंटाओ गुरु चरणन सादर
श्री गुरु कृपा थोड़ी भी
थोड़े से थोड़ी भी
श्री गुरु कृपा कम नहीं होती
विद्या सागर मोती
सीप ज्ञान सागर
विद्या सागर मोती ।।जलं।।

लाओ चन्दन मलयागर
भिंटाओ गुरु चरणन सादर
श्री गुरु कृपा थोड़ी भी
थोड़े से थोड़ी भी
श्री गुरु कृपा कम नहीं होती
विद्या सागर मोती
सीप ज्ञान सागर
विद्या सागर मोती ।।चन्दनं।।

लाओ अक्षत मण पातर
भिंटाओ गुरु चरणन सादर
श्री गुरु कृपा थोड़ी भी
थोड़े से थोड़ी भी
श्री गुरु कृपा कम नहीं होती
विद्या सागर मोती
सीप ज्ञान सागर
विद्या सागर मोती ।।अक्षतं।।

लाओ पुष्प दिव मँगाकर
भिंटाओ गुरु चरणन सादर
श्री गुरु कृपा थोड़ी भी
थोड़े से थोड़ी भी
श्री गुरु कृपा कम नहीं होती
विद्या सागर मोती
सीप ज्ञान सागर
विद्या सागर मोती ।।पुष्पं।।

लाओ नेवज मनवाहर
भिंटाओ गुरु चरणन सादर
श्री गुरु कृपा थोड़ी भी
थोड़े से थोड़ी भी
श्री गुरु कृपा कम नहीं होती
विद्या सागर मोती
सीप ज्ञान सागर
विद्या सागर मोती ।।नैवेद्यं।।

लाओ लौं अबुझ जगाकर
भिंटाओ गुरु चरणन सादर
श्री गुरु कृपा थोड़ी भी
थोड़े से थोड़ी भी
श्री गुरु कृपा कम नहीं होती
विद्या सागर मोती
सीप ज्ञान सागर
विद्या सागर मोती ।।दीपं।।

लाओ सुगंध जग-जाहर
भिंटाओ गुरु चरणन सादर
श्री गुरु कृपा थोड़ी भी
थोड़े से थोड़ी भी
श्री गुरु कृपा कम नहीं होती
विद्या सागर मोती
सीप ज्ञान सागर
विद्या सागर मोती ।।धूपं।।

लाओ थाल फल सँजाकर
भिंटाओ गुरु चरणन सादर
श्री गुरु कृपा थोड़ी भी
थोड़े से थोड़ी भी
श्री गुरु कृपा कम नहीं होती
विद्या सागर मोती
सीप ज्ञान सागर
विद्या सागर मोती ।।फलं।।

लाओ द्रव्य सब मिलाकर
भिंटाओ गुरु चरणन सादर
श्री गुरु कृपा थोड़ी भी
थोड़े से थोड़ी भी
श्री गुरु कृपा कम नहीं होती
विद्या सागर मोती
सीप ज्ञान सागर
विद्या सागर मोती ।।अर्घं।।

*हाईकू*
आंखों को ले तो लेने दो फोटो,
थोड़ा ‘के और बैठो

=जयमाला=
तेरे थे, तेरे हैं, तेरे ही रहेंगे हम
उम्र-भर
जन्म-हर
कहते थे, कहते हैं, करते ही रहेंगे हम
जय विद्या-सागरम्
तेरे थे, तेरे हैं, तेरे ही रहेंगे हम

मृग के हाथ लगे कस्तूरी
अभिलाषा हो जाती पूरी
मन्सा पूरण मंत्र है
जय विद्या-सागरम्

तेरे थे, तेरे हैं, तेरे ही रहेंगे हम
उम्र-भर
जन्म-हर
कहते थे, कहते हैं, करते ही रहेंगे हम
जय विद्या-सागरम्
तेरे थे, तेरे हैं, तेरे ही रहेंगे हम

काली नजर न लग पाती है
अला बला मुंह की खाती है
संकट मोचन मंत्र है
जय विद्या-सागरम्

तेरे थे, तेरे हैं, तेरे ही रहेंगे हम
उम्र-भर
जन्म-हर
कहते थे, कहते हैं, करते ही रहेंगे हम
जय विद्या-सागरम्
तेरे थे, तेरे हैं, तेरे ही रहेंगे हम

रोग पाँव उलटे लौटाये
उछल-कूंद मन थम थमियाये
आधि-व्याधि हन मन्त्र है
जय विद्या-सागरम्

तेरे थे, तेरे हैं, तेरे ही रहेंगे हम
उम्र-भर
जन्म-हर
कहते थे, कहते हैं, करते ही रहेंगे हम
जय विद्या-सागरम्
तेरे थे, तेरे हैं, तेरे ही रहेंगे हम

मन्सा पूरण मंत्र है
संकट मोचन मंत्र है
आधि-व्याधि हन मन्त्र है
जय विद्या-सागरम्

तेरे थे, तेरे हैं, तेरे ही रहेंगे हम
उम्र-भर
जन्म-हर
कहते थे, कहते हैं, करते ही रहेंगे हम
जय विद्या-सागरम्
तेरे थे, तेरे हैं, तेरे ही रहेंगे हम
।।जयमाला पूर्णार्घं।।

*हाईकू*
ज़्यादा कुछ न लेते हैं
सन्त
दिल रख लेते हैं

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