loader image
Close
  • Home
  • About
  • Contact
  • Home
  • About
  • Contact
Facebook Instagram

आचार्य श्री पूजन

गुरु-पाद पूजन – 688

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 
  • परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित

पूजन क्रंमाक 688

-हाईकू-
थाम ली, गुरु जी ने अंगुली,
‘मेरी’
किस्मत खुली ।।स्थापना।।

दिन रैन,
मैं भेंटूॅं तेरे चरणों में, नीर नैन ।।जलं।।

याम आठ,
मैं भेंटूॅं तेरे चरणों में, गंध काठ ।।चन्दनं।।

जहां ख्यात,
मैं भेंटूॅं तेरे चरणों में, धाँ परात ।।अक्षतं।।

गैर शूल,
मैं भेंटूॅं तेरे चरणों में, स्वर्ग फूल ।।पुष्पं।।

रसखान,
मैं भेंटूॅं तेरे चरणों में, पकवान ।।नैवेद्यं।।

सविवेक,
मैं भेंटूॅं तेरे चरणों में, दीप नेक ।।दीपं।।

असमान,
मैं भेंटूॅं तेरे चरणों में, धूपदान ।।धूपं।।

सुगंधित,
मैं भेंटूॅं तेरे चरणों में, फल-ऋत ।।फलं।।

सर्वकाल,
मैं भेंटूॅं तेरे चरणों में, अर्घ-थाल ।।अर्घ्यं।।

-हाईकू-
रख लें दृग् से रग-रग,
गुरु जी न कहें भग

जयमाला
ले लो अपने सिर जो गम हमारे
‘के लगते ही है क्या हम तुम्हारे

जो मेरी ले लो पल-पलक खबर
जो मुझे लख लो उठा के इक-नजर
‘के लगते ही है क्या हम तुम्हारे
ले लो अपने सिर जो गम हमारे
‘के लगते ही है क्या हम तुम्हारे

जो अपनी एक दे मुस्कान दो हमें
अपने अपनों में दे स्थान दो हमें
जो मेरी ले लो पल-पलक खबर
जो मुझे लख लो उठा के इक-नजर
‘के लगते ही है क्या हम तुम्हारे
ले लो अपने सिर जो गम हमारे
‘के लगते ही है क्या हम तुम्हारे

आँचल की छैय्या में हमें लो बिठा
जो अपनी नैय्या में हमें लो बिठा
जो मेरी ले लो पल-पलक खबर
जो मुझे लख लो उठा के इक-नजर
‘के लगते ही है क्या हम तुम्हारे
ले लो अपने सिर जो गम हमारे
‘के लगते ही है क्या हम तुम्हारे
।।जयमाला पूर्णार्घं।।

-हाईकू-
जां निकले,
दो गुरु ‘वर’
फिर बद्-दुआ निकले

Sharing is caring!

  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn
  • Email
  • Print

Leave A Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

*


© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point

© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point