loader image
Close
  • Home
  • About
  • Contact
  • Home
  • About
  • Contact
Facebook Instagram

आचार्य श्री पूजन

गुरु-पाद पूजन – 260

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 

परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित

पूजन क्रंमाक 260

‘हाईकू’

कीजो करुणा,
ओ ! तारण तरणा
दीजो शरणा ।।स्थापना।।

न मिला घट-जल,
आ गया मैं, लो नैन सजल ।।जलं।।

न मिला रस-मलय,
आ गया मैं, ले के विनय ।।चन्दनं।।

न मिला थाल-अछत,
ले आ गया, कृत-सुकृत।।अक्षतं।।

न मिला थाल सुमन,
ले आ गया, बुने सपन ।।पुष्पं।।

मिला ने थाल-व्यञ्जन,
ले आ गया, मन वाक् तन ।।नैवेद्यं।।

न मिला दीप,
सरगम-साँस, ले आया समीप ।।दीपं।।

न मिला घट-धूप,
प्रफुल्ल आया, ले रोम कूप ।।धूपं।।

मिला न फल,
आ मैं गया, हाथों का बना श्रीफल ।।फलं।।

मिला ने द्रव परात,
लो आ गया, अदब साथ ।।अर्घं।।

‘हाईकू’

‘सबके कुछ-कुछ हो,
आप मेरे सब कुछ हो’

जयमाला

देख आया जा, न कहाँ कहाँ मैं ।
आप सा दूजा, न दिखा जहाँ मैं ।

देखा चाँद तो लहरता दाग था ।
देखा भान तो उगलता आग था ।।
देखा आपको, तो देखता रहा मैं ।
आप सा दूजा, न दिखा जहाँ मैं ।।

देख आया जा, न कहाँ कहाँ मैं ।
आप सा दूजा, न दिखा जहाँ मैं ।

देखा चन्दन लिपटाये नाग था ।
दिखा हिरण कस्तूरी पीछे भागता ।।
छोड़ आपको और जाऊँ कहाँ मैं ।
आप सा दूजा, न दिखा जहाँ मैं ।

देख आया जा, न कहाँ कहाँ मैं ।
आप सा दूजा, न दिखा जहाँ मैं ।

देखा निर्झर दिखा वहाँ झाग था ।
नागमणि धर दिखा समाँ काग था ।।
करुणा-कर ! कर-करुणा हमें थामें ।
आप सा दूजा, न दिखा जहाँ मैं ।।

देख आया जा, न कहाँ कहाँ मैं ।
आप सा दूजा, न दिखा जहाँ मैं
जयकारा गुरुदेव का…
जय जय गुरुदेव…

॥ जयमाला पूर्णार्घ्यं ॥

‘हाईकू’

‘क्या चाहूँ ?
तो मैं चाहूँ,
आपका निशि-दीस
आशीष’

Sharing is caring!

  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn
  • Email
  • Print

Leave A Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

*


© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point

© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point