सवाल
आचार्य भगवन् !
पलकें
पल के लिये ऐसा क्यों कहते हैं आप
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
दूसरी, तीसरी
जितनी दफा देखा
अन्तर् पटल पर
गहरा के
और गहरा के
खिंचती रेखा
आँख मूँदते ही
अब फिल्म होगी रूबरू
और सहजो निराकुलता होगी अब छू
सुनो,
खुदबखुद कहती पलकें
पल के लिये खोलो
फिर…के
भीतर खो…लो
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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