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जवाब लाजवाब आचार्य श्री जी

जवाब लाजवाब -289

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 

सवाल
आचार्य भगवन् !
न दिशा दिशा विदिशा भी,
आवाज देती है,
सत्संग करो,
संत के पास आओ जाओ, ऐसा क्यों ?
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,

जवाब…
लाजवाब
कपड़े धो सुखा
जो हो प्रेस का आना जाना तो,
सल निकल जाती है
शल निकल जाती है
हो जो साधु-संतों के पास आना जाना
बनती कोशिश साधो सखा !

सन्त को सुमन भी कहते हैं
इनके पास आने जाने से
सुर… ‘भी’
जब कभी
अपना या हो अजनबी
खूब पा लेता है
काँटों के बीच, मुस्कान देते हुये,
बखूब रह लेता है
मनो-चिकित्सक एक
साध ! हंस-विवेक
इनके पास आ…मानसिक रोगी
है लेता मान हूँ शक रोगी ‘मैं’
फिर श…क के अक्षर पलट
यम, नियम, संयम में,
जैसे जैसे क…स अपने आपको
भीतर डूबा साधता जाता है
जुड़ता साधुता नाता है
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः

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