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जवाब लाजवाब आचार्य श्री जी

जवाब लाजवाब -283

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 

सवाल
आचार्य भगवन् !
बड़े सवालात क्यों उठाते हैं
लात एक या दो उठाई जा सकती,
सवा…लात कैसे उठा लेते हैं
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,

जवाब…
लाजवाब
अच्छे बच्चे जवाब नहीं देते हैं
यह सिख’लाते हैं
और बड़े सवालात उठाते हैं
यानि ‘कि बड़े छोटों को लाजवाब बनाते हैं

किसी ने रोका-टोका हो तो,
पल पलक थम जाना
नहीं मोटे से मोटे ही,
कीट
छोटे से भी छोटे भी,
न पड़ा अब तलक सिखलाना

किसी ने कुछ कह दिया है तो,
भाया लिया क्या है
दिया ही तो है
दिखलाया दीया ही तो है
दिया तले मत रह जाना
वरना
विरथा जायेगा,
तेल-बाती का अपनी जान गवाना

अपनों को रुला के,
जब हमारे लिए ही रोना है,
तब क्यों आपा खोना है
बो लो ‘ना’
स्नेह
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः

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