loader image
Close
  • Home
  • About
  • Contact
  • Home
  • About
  • Contact
Facebook Instagram

जवाब लाजवाब आचार्य श्री जी

जवाब लाजवाब -249

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 

सवाल
आचार्य भगवन् !
त…प, प…त न राख पाने की वजह, क्या है ?
कृपया बतलाने की कृपा कीजिए
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,

जवाब…
लाजवाब
त…प, प…त न राख पाने की वजह पहली,
मेरी बाली उमरिया
अभी देखी ही कहाँ मैंने दुनिया
पर जर्रा याद तो रक्खो,
रहते रहते बाती तेल
श्वास अपनी ही न देखा क्या होते खेल दीया

त…प, प…त न राख पाने की वजह अगली
स्वर्ग-नरक हैं
‘यह बात, न जाने कितनी साँच’
‘के पुण्य चुनते-चुनते डूबती घी में, अंगुलिंयाँ पाँच
पर जर्रा याद तो रक्खो,
मनमाने करती जाती प्रतिद्धन्द्धी अपने खड़े
चटका, चटका काँच

त…प, प…त न राख पाने की वजह असली
नसीब होना संहनन हीन
कलजुग मन विषयन आधीन
पर जर्रा याद तो रक्खो,
फुस्कार से भी जाता सामने बाला काँप
बस सिर्फ दिखने में हो साँप
हो भने विष दन्त विहीन

की मैंने खोज,
देर रात तलक, जागकर रोज,
त…प, प…त न राख पाने की वजह निकली
जाने क्या होने वाला कल है
सुनते हैं, शरीर तो रोगों का घर है
पर जर्रा याद तो रक्खो,
अब तलक सँ,भाला जिसने,
आगे भी सँभालेगा वही
हर माँ को अपने बच्चे की रहती ही फिकर
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः

Sharing is caring!

  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn
  • Email
  • Print

Leave A Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

*


© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point

© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point