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आचार्य श्री पूजन

गुरु-पाद पूजन – 937

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 
  • परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित

पूजन क्रंमाक 937

जय विद्या, जय विद्या सागर
सारे बोलो
जय विद्या, जय विद्या सागर
मिल के बोलो
जय विद्या, जय विद्या सागर
जोर से बोलो
जय विद्या, जय विद्या सागर
गुण रत्नाकर
ज्ञान-दिवाकर
जय विद्या, जय विद्या सागर ।।स्थापना।।

कंचन झारी
जल गुणकारी
लाकर सादर
चरण चढ़ाकर
जोर से बोलो
जय विद्या, जय विद्या सागर
गुण रत्नाकर
ज्ञान-दिवाकर
जय विद्या, जय विद्या सागर ।।जलं।।

छव रतनारी
चन्दन झारी
लाकर सादर
चरण चढ़ाकर
जोर से बोलो
जय विद्या, जय विद्या सागर
गुण रत्नाकर
ज्ञान-दिवाकर
जय विद्या, जय विद्या सागर ।।चन्दनं।।

मरकत थाली
अक्षत शाली
लाकर सादर
चरण चढ़ाकर
जोर से बोलो
जय विद्या, जय विद्या सागर
गुण रत्नाकर
ज्ञान-दिवाकर
जय विद्या, जय विद्या सागर ।।अक्षतं।।

नन्दन क्यारी
पुष्प पिटारी
लाकर सादर
चरण चढ़ाकर
जोर से बोलो
जय विद्या, जय विद्या सागर
गुण रत्नाकर
ज्ञान-दिवाकर
जय विद्या, जय विद्या सागर ।।पुष्पं।।

अरु मनहारी
चरु घृत वाली
लाकर सादर
चरण चढ़ाकर
जोर से बोलो
जय विद्या, जय विद्या सागर
गुण रत्नाकर
ज्ञान-दिवाकर
जय विद्या, जय विद्या सागर ।।नैवेद्यं।।

छव सोनाली
घृत दीपाली
लाकर सादर
चरण चढ़ाकर
जोर से बोलो
जय विद्या, जय विद्या सागर
गुण रत्नाकर
ज्ञान-दिवाकर
जय विद्या, जय विद्या सागर ।।दीपं।।

अग्नि प्रजारी
सुगंध न्यारी
लाकर सादर
चरण चढ़ाकर
जोर से बोलो
जय विद्या, जय विद्या सागर
गुण रत्नाकर
ज्ञान-दिवाकर
जय विद्या, जय विद्या सागर ।।धूपं।।

थाल निराली
ऋतु फल डाली
लाकर सादर
चरण चढ़ाकर
जोर से बोलो
जय विद्या, जय विद्या सागर
गुण रत्नाकर
ज्ञान-दिवाकर
जय विद्या, जय विद्या सागर ।।फलं।।

फल फुलवारी
वसु-द्रव सारी
लाकर सादर
चरण चढ़ाकर
जोर से बोलो
जय विद्या, जय विद्या सागर
गुण रत्नाकर
ज्ञान-दिवाकर
जय विद्या, जय विद्या सागर ।।अर्घ्यं।।

=हाईकू=
मँगाये बिना,
मन भर देते
श्री गुरु अपना

जयमाला
लगन लगा ले
साँचे गुरु से लगन लगा ले
मनुआ ‘रे
‘रे मनुआ ‘रे
रंग केशरिया चुनर रँगा ले
लगन लगा ले
नयन भिंगा ले
मनुआ ‘रे
‘रे मनुआ ‘रे
मन-चाहा वर नाम लिखा ले
‘मनके’ जय-विद्या अपना ले
मन-चाहा वर नाम लिखा ले
मनुआ ‘रे
‘रे मनुआ ‘रे
रंग केशरिया चुनर रँगा ले
साँचे गुरु से लगन लगा ले

भक्ति में झूम-झूम
रुक-रुक फिर घूम-घूम
ज्योत गुरु नाम की, मन में जगा ले
लगन लगा ले
नयन भिंगा ले

मनुआ ‘रे
‘रे मनुआ ‘रे
मन-चाहा वर नाम लिखा ले
‘मनके’ जय-विद्या अपना ले
मन-चाहा वर नाम लिखा ले
मनुआ ‘रे
‘रे मनुआ ‘रे
रंग केशरिया चुनर रँगा ले
साँचे गुरु से लगन लगा ले

साथ श्रद्धा सुमन
ले गद-गद वयन
भक्ति में झूम-झूम
रुक-रुक फिर घूम-घूम
ज्योत गुरु नाम की, मन में जगा ले
लगन लगा ले
नयन भिंगा ले

मनुआ ‘रे
‘रे मनुआ ‘रे
मन-चाहा वर नाम लिखा ले
‘मनके’ जय-विद्या अपना ले
मन-चाहा वर नाम लिखा ले
मनुआ ‘रे
‘रे मनुआ ‘रे
रंग केशरिया चुनर रँगा ले
साँचे गुरु से लगन लगा ले

इक-तार हाथ ले
दीप-माल साथ ले
रोम-रोम पुलकन
साथ श्रद्धा सुमन
ले गद-गद वयन

भक्ति में झूम-झूम
रुक-रुक फिर घूम-घूम
ज्योत गुरु नाम की, मन में जगा ले
लगन लगा ले
नयन भिंगा ले

मनुआ ‘रे
‘रे मनुआ ‘रे
मन-चाहा वर नाम लिखा ले
‘मनके’ जय-विद्या अपना ले
मन-चाहा वर नाम लिखा ले
मनुआ ‘रे
‘रे मनुआ ‘रे
रंग केशरिया चुनर रँगा ले
साँचे गुरु से लगन लगा ले
।। जयमाला पूर्णार्घं ।।

=हाईकू=
गुरु समान भगवान्
रक्खें भक्तों का खूब ध्यान

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