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आचार्य श्री पूजन

गुरु-पाद पूजन – 780

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 
  • परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित

पूजन क्रंमाक 780

दूर मंजिल वाला सफर
काँटें कंकर वाली डगर
दया बरसा,
अय ! मेरे गुरु सा,
कृपा बरसा
डाल मुझपे दो, इक नज़र ।।स्थापना।।

कलशे, में जल से लाया भर,
डाल मुझपे दो, इक नज़र,
दया बरसा,
अय ! मेरे गुरु सा,
कृपा बरसा
डाल मुझपे दो, इक नज़र ।।जलं।।

लाया घट चन्दन मलयागिर,
डाल मुझपे दो, इक नज़र,
दया बरसा,
अय ! मेरे गुरु सा,
कृपा बरसा
डाल मुझपे दो, इक नज़र ।।चन्दनं।।

लाया मण पातर धाँ आखर,
डाल मुझपे दो, इक नज़र,
दया बरसा,
अय ! मेरे गुरु सा,
कृपा बरसा
डाल मुझपे दो, इक नज़र ।।अक्षतं।।

लाया वन-नन्दन फुलवा-लर
डाल मुझपे दो, इक नज़र,
दया बरसा,
अय ! मेरे गुरु सा,
कृपा बरसा
डाल मुझपे दो, इक नज़र।। पुष्पं।।

लाया घृत निर्मित चरु पातर,
डाल मुझपे दो, इक नज़र,
दया बरसा,
अय ! मेरे गुरु सा,
कृपा बरसा
डाल मुझपे दो, इक नज़र ।।नैवेद्यं।।

लाया लौं आखर मनुआ-हर,
डाल मुझपे दो, इक नज़र,
दया बरसा,
अय ! मेरे गुरु सा,
कृपा बरसा
डाल मुझपे दो, इक नज़र ।।दीपं।।

लाया घट सुगंध हट ‘भा’धर,
डाल मुझपे दो, इक नज़र,
दया बरसा,
अय ! मेरे गुरु सा,
कृपा बरसा
डाल मुझपे दो, इक नज़र ।।धूपं।।

लाया रस आगर फल सादर,
डाल मुझपे दो, इक नज़र,
दया बरसा,
अय ! मेरे गुरु सा,
कृपा बरसा
डाल मुझपे दो, इक नज़र ।।फलं।।

लाया द्रव पातर वसु-धा अर,
डाल मुझपे दो, इक नज़र,
दया बरसा,
अय ! मेरे गुरु सा,
कृपा बरसा
डाल मुझपे दो, इक नज़र ।।अर्घ्यं।।

हाईकू
पढ़ चेहरे लेते गुरु जी,
पढ़े जो कक्षा दूजी

जयमाला
गुरु जी ने भर दी,
अमृत से जिसकी कर्णाञ्जुली,
उसकी किस्मत खुली,
उसकी किस्मत खुली,
गुरु जी ने भर दी,
अमृत से जिसकी कर्णाञ्जुली,
उसकी किस्मत खुली,

शाम से पहले, घर वो आ गया,
मुकाम दूर भले, पर वो पा गया,
पतंग उसकी उड़ी,

गुरु जी ने भर दी,
अमृत से जिसकी कर्णाञ्जुली,
उसकी किस्मत खुली,

पंक्ति हंसों में, सिरमौर बन गया
‘वंशी’, वंशों में चित्-चोर बन गया
रही बात नहीं हल्की,
पतंग उसकी उड़ी,
उसकी किस्मत खुली,

गुरु जी ने भर दी,
अमृत से जिसकी कर्णाञ्जुली,
उसकी किस्मत खुली,

भूल-भुलैय्या का, तोड़ पा गया
चूल पहड़िया का दौड़ आ गया

पाँचों घी में अँगुलीं,
रही बात नहीं हल्की,
पतंग उसकी उड़ी,
उसकी किस्मत खुली,

गुरु जी ने भर दी,
अमृत से जिसकी कर्णाञ्जुली,
उसकी किस्मत खुली,
उसकी किस्मत खुली,
गुरु जी ने भर दी,
अमृत से जिसकी कर्णाञ्जुली,
उसकी किस्मत खुली,
।।जयमाला पूर्णार्घं ।।

हाईकू
जादू से दूर हैं,
गुरु जादूगर मशहूर हैं

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